क्रिकेट की बात, यूसुफ के साथ।
ज़रा सोचिये अगर आपको आपका पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने को मिले और वो भी आईसीसी टी20 टूर्नामेंट के फाइनल में तो आप थोड़े तो नर्वस होंगे ही और अगर आपका सामना पाकिस्तान से हो तो तब तो प्रेशर दोगुना हो जाता है खिलाड़ी पर | एक उम्दा खिलाड़ी की यही निशानी होती है की वो ऐसे अवसर को हाथ से जाने नहीं देते हैं और उसका भरपूर फायदा उठाते हैं | युसूफ पठान ने भी बिलकुल वही किया | सहवाग चोटिल थे और भारत को एक ओपनर की ज़रुरत थी जो सहवाग की तरह शुरुआत दे सके | ऐसे में युसूफ पठान से ओपनिंग कराई गयी और उन्होंने वही किया जिसके लिए उन्हें शामिल किया गया था | दूसरी गेंद पर सीधा छक्का जड़ दिया मोहम्मद आसिफ की गेंद पर | भले ही वो जल्दी आउट हो गए पर उन्होंने टीम को तेज़ शुरुआत देकर आने वाले बल्लेबाजों पर से दवाब कम कर दिया था | उसके बाद उन्होंने कई मैचों में में अपनी टीम के लिए मैच जिताने वाला प्रदर्शन किया |
हमने बात की युसूफ पठान से और यह जानने की कोशिश की जितनी आसानी से वो लम्बे लम्बे छक्के मारते हैं उनके पीछे कितनी मेहनत और लगन लगती है |
प्रश्न : आप किस तरह की ट्रेनिंग या अभ्यास पर ज़्यादा ध्यान देते हैं? अपने डेली रूटीन के बारे में बताइये | युसूफ : मेरा डेली रूटीन काफी सिंपल होता है, अगर प्रैक्टिस सेशन हो रहे होते हैं तो ज़्यादा समय मैं फील्ड में ट्रेनिंग करने में बिताता हूँ | इसमें शरीर की मजबूती, सहनशक्ति और चुस्ती पर ज़्यादा ध्यान देता हूँ | फिर जो समय बचता है वो मैं अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करता हूँ |
प्रश्न : आप जैसे लम्बे लम्बे छक्के मारते हैं उसके लिए बेशक काफी ताकत लगती होगी, आप अपनी डाइट और खान पान के बारे में बतायेंगे? युसूफ : वैसे तो मुझे खाने पीने का बहुत शौक है | मुझे जो पसंद है वो मैं पेट भर कर खाता हूँ पर मैं प्रोटीन पर ज्यादा ध्यान देता हूँ | सिर्फ नॉन वेज में ही नहीं वेज में भी प्रोटीन के काफी ऑप्शन्स होते हैं तो जो भी खाता हूँ उसका ध्यान रखता हूँ |
प्रश्न : आपने कई बार भारतीय टीम को और आईपीएल में अपनी टीम को मुश्किल समय से बाहर निकालते हुए मैच जितवायें हैं | जब आप बैटिंग करने मैदान पर जा रहे होते हैं तो आपके दिमाग में क्या चल रहा होता है? कोई विशेष प्लान होता है? युसूफ : मुझे ऐसी मुश्किल हालात में खेलना अच्छा लगता है | मैंने जितने भी मैच खेलें हैं, चाहे बरोदा के लिए हो या केकेआर और राजस्थान रॉयल्स या फिर इडियन टीम मैंने हमेशा खुद पर भरोसा किया है | खुद की एबिलिटी पर भरोसा करता हूँ की मैं टीम को जीता सकता हूँ | यही मेरी ताकत है और इसीलिए लोगों का प्यार भी मुझे मिलता है | इसी बात पर मैं फोकस करता हूँ |
प्रश्न : आपके द्वारा खेले गए इतने सारे मैचों में आपका सबसे पसंदीदा मैच कौन से हैं? युसूफ : वैसे तो बहुत सारी यादें हैं कई मैचों की पर टी20 फाइनल में जो डेब्यू हुआ था वो तो हमेशा याद रहेगा | राजस्थान के लिए खेलते हुए आईपीएल में जो शतक बनाया था वो भी एक यादगार पारी थी |
प्रश्न : एक खिलाड़ी के तौर पर जब कभी भी आपका मनोबल कम होता था तो आप खुद को कैसे मोटीवेट करते हैं ? युसूफ : खुद को मोटिवेट करने के लिए मैं अपने खेल की ही तरफ ही ध्यान देता हूँ और उसी को एनालाइज करता हूँ | जैसे मैंने दस पंद्रह मैच खेले हैं तो उन मैचों में कितनी बार बैटिंग की है, किस पोजीशन पर की है, कितने रन बनाएं, कितने विकेट लिए, इत्यादि इन सब पर ध्यान देता हूँ | एक खिलाड़ी के लिए बहुत ज़रूरी होता है की खुद को मोटिवेट करते रखना करना क्योंकि एक दो पारी खराब गयी और आपका कॉन्फिडेंस बहुत जल्दी नीचे जा सकता है | इरफ़ान के साथ होने पर भी मुझे काफी मदद मिलती है |
प्रश्न : आपकी और आपके भाई इरफ़ान की ‘ क्रिकेट अकादमी ऑफ़ पठांस’ में ट्रेनिंग में पिचविज़न द्वारा निर्मित कोचिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है | इससे किस तरह खिलाड़ियों की मदद मिलती है ? और आपको क्या लगता है की टेक्नोलॉजी की मदद लेना ट्रेनिंग में कितना फायदेमंद होता है ? युसूफ : इतने सालों से जितनी भी नयी नयी टेक्नोलॉजी आती रही है, चाहे वो कोई भी खेल हो उससे सभी खिलाड़ियों को मदद मिली है | ऎसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल केवल उभरते खिलाड़ी ही नहीं हम जैसे खिलाड़ी भी इस्तेमाल करते हैं | इससे हमें अपनी गेम को हर तरीके से एनालाइज करने का मौका मिलता है और अपनी गेम को और बेहतर बना सकते हैं |
प्रश्न : आखिरी सवाल युसुफ जी, नए उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे? युसूफ : उनके लिए यही कहना चाहूंगा की भले आप कोई भी स्पोर्ट्स खेलते हो उसमें सफलता पाने के लिए अपनी डेली ट्रेनिंग और डाइट पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है | और यह नहीं सोचना चाहिये की सीधा बड़े मैच में परफॉर्म करेंगे, उस बड़े मैच में अच्छा परफॉर्म करने के लिए आपको हर दिन सही ट्रेनिंग और लगातार खेलते रहना ज़रूरी है |
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